आदिवासी महिलाओं के खाते से निकाली लाखों रुपए की राशि

 

-मामला ग्राम पंचायत झण्डी के ग्राम बहादुरपुरा का

-ग्रामीणों ने जनसुनवाई में जिलाधीश से शिकायत

शिवपुरी 30 जनवरी 

जिले के बदरवास क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बहादुरपुरा पंचायत झण्डी के निवासियों ने जिलाधीश को जनसुनवाई में एक आवेदन पत्र के माध्यम से अवगत कराया हैं कि ग्राम पंचायत में संचालित एसबीआई कियोस्क संचालक एवं पंचायत सचिव द्वारा मिलकर जनता के साथ ठगी की जा रही हैं। शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की धनराशि ग्रामीणों के खाते में भेजी जा चुकी हैं लेकिन कियोस्क संचालक द्वारा उक्त राशि की जानकारी ग्रामीणों को नहीं दी जा रही हैं।

ग्राम बहादुरपुरा, ग्राम पंचायत झण्डी के नागरिकों ने आवेदन के माध्यम से बताया है कि पंचायत के सचिव रामकुमार यादव द्वारा ग्रामीणों के आधार कार्ड एवं बैंक खातों की जानकारी सर्वे के नाम पर एकत्रित कर सचिव द्वारा एसबीआई बैंक कियोस्क संचालकों के साथ मिलकर बैंक खाते खोल दिए गए जिसकी सूचना आवेदकों को नहीं दी गई। वहीं उक्त खातों को आधार से लिंक काराकर एलपीजी सबसिडी आदि इन खातों में आना शुरू हो गई लेकिन इसकी जानकारी ग्रामीणों को नहीं दी गई। वहीं गैस सबसिडी के साथ शौचालय निर्माण की राशि लगातार निकाली जा रही है इसके साथ ही अन्य योजनाओं की राशि का आहरण पंचायत सचिव एवं कियोस्क संचालकों द्वारा किया जा रहा हैं। चूंकि सरपंच एक महिला आदिवासी हैं और गांव का सचिव दबंग व्यक्ति हैं जो सरपंच को डरा धमका कर गैर कानूनी काम अनवरत रूप से कर रहा हैं। शासकीय दस्तावेजों पर सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर कर लेता हैं यह सचिव पूर्व में भी 3.10.2005 को शासकीय दस्तावेजों में अनियमित्ताओं के कारण निलंबित भी हो चुका हैं लेकिन राजनैतिक पहुंच के कारण फिर से बहाल हो गया हैं। लेकिन उसकी कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आया। वह गांव के गरीब तबके के हरिजन आदिवासियों को डरा धमका कर शासकीय योजनाओं में स्वीकृत धनराशि को हड़प कर जाता हैं। शासन जहां गरीब तबके के लोगों के लिए कुटीरों का निर्माण करा रहा हैं वहीं पंचायत सचिव उन गरीब लोगों से 20-20 हजार रूपए वसूल कर उसे हड़प कर गया।

 

जिनके खातों से की गई राशि आहरण

ग्राम पंचायत झण्डी के ग्राम बहादुर पुरा निवासी दर्जनों लोगों ने आज एक आवेदन जिलाधीश के नाम सौंपकर बताया कि पंचायत सचिव द्वारा जिन लोगों के खाते से राशि आहरण की गई हैं उनमें राधा बाई, उत्तम जाटव, मुनि आदिवासी, रामकृष्ण जाटव, मुन्नी बाई आदिवासी, होरलिया जाटव, मुन्नी जाटव, राजकुमारी जाटव, रामजीलाल जाटव, दयाराम जाटव, फूल सिंह जाटव, गंगाराम जाटव, इनके अलावा भी दर्जनों ऐसे लोग हैं जिनके खातों से पंचायत सचिव ने राशि आहरण कर ली गई हैं। इसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा इंदार थाने में भी की हैं। साथ ही ग्रामीणों द्वारा इसकी जानकारी भारतीय स्टेट बैंक लुकवासा में भी दी जा चुकी हैं, लेकिन इसके वावजूद भी पंचायत सचिव के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई हैं। आवेदन के माध्यम से ग्रामीणों ने जिलाधीश से अपील की हैं कि ऐसे भ्रष्ट पंचायत सचिव के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाए।

 

जनपद पंचायत बदरवास के सीईओ दे रहे हैं पंचायत सचिव को खुला संरक्षण

ग्रामीणों का आरोप हैं कि जनपद पंचायत बदरवास के सीईओ से आवेदन के माध्यम से कई बार पंचायत सचिव के विरूद्ध शिकायत दर्ज कराई लेकिन इसके बाद भी सीईओ द्वारा इस भ्रष्ट पंचायत सचिव के खिलाफ आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं की हैं। जबकि आवेदनों के माध्यम से बताया गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कुटीर की राशि एवं शौचालय की राशि व मजदूरी की राशि कम मात्रा में दिए जाने की शिकायत की लेकिन फिर जनपद पंचायत सीईओ अपने मुंह दही जमाए बैठे रहे। इन्होंने इस भ्रष्ट पंचायत सचिव के खिलाफ जाने क्यों मुंह नहीं खोला क्योंकि शायद सचिव महोदय सीईओ भी एक मोठी रकम अपने हाथों से पहुंचाते हैं। इसी कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं जिससे यह तथ्य स्पष्ट रूप से जाहिर होता हैं कि बदरवास जनपद पंचायत के सीईओ का खुला संरक्षण पंचायत सचिव को प्राप्त हैं। जिसकी बजह से वे पंचायत सचिव के विरूद्ध कार्यवाही करने से कन्नी काट रहे हैं।

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जिला संयोजक ने दिए जाँच के आदेश

बदरवास जनपद की ग्राम पंचायत बहादुरा में आदिवासी महिलाओं के खाते से सचिव और बैंक मैनेजर द्वारा हेराफेरी कर राशि निकाले जाने के मामले में आज जनसुनवाई में की गई शिकायत के उपरांत जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत शिवपुरी को जाँच के आदेश दिए हैं। जिला संयोजक ने बताया कि इस मामले में शीघ्र जाँच कर दोषियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाए।

-मैंने आज तक हस्ताक्षर किसी कागज पर नहीं किए

झण्डी ग्राम पंचायत की सरपंच शशि आदिवासी ने बताया कि उन्हें पूरे चार साल सरपंच बने हो गए मगर आज तक उन्होंने चार दस्तावेजों पर अपने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। सरपंच ने बताया कि सचिव सरपंच की शील और लैटरपेड अपने ही घर पर रखता है और मनमाने अंदाज में स्वयं ही सरपंच के हस्ताक्षर कर राशि का आहरण कर रहा है। सरपंच ने आरोप लगाया कि आज उसे शासन द्वारा निर्धारित वेतन तक नहीं मिला है। सरपंच ने बताया कि सचिव से जब इस बारे में बात की जाती है तो वह जान से मारने की धमकी देता है। महिला सरपंच ने इस पूरे मामले में सचिव को जनपद पंचायत सीईओ की शह का भी आरोप लगाया।

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2005 में निलम्बित हो चुका है सचिव

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ग्राम पंचायत झण्डी का सचिव रामकुमार यादव पूर्व से ही अनियमितताओं में लिप्त रहा है और इसी के चलते उसे 19 अक्टूबर 2005 में निलम्बित भी किया जा चुका है मगर वह अपने धनबल और बाहुबल के दम पर पुन: बहाल होकर पंचायत में जमकर घोटाले कर रहा है।

Source : Agency

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Name: धीरज मिश्रा (संपादक)

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